Bombay Our City (1985) | Documentary Review |
आनंद पटवर्धन की डाक्यूमेंट्री 'Bombay Our City', 1984 के उस बम्बई की दास्तान है जहाँ ऊँची इमारतों के साथ-साथ छोटे कामगार- मजदूरों ने भी अपना बसेरा कर लिया था। दूर-दराज के गाँव से जीवन के सुधार की आस लेकर कई मजदूरों का रुख बम्बई की तरफ हो रहा था और और छोटी-छोटी बस्तियां बस रही थी। लेकिन मुम्बई के बड़े उद्योगपतियों और वहां की सरकार को ये बिलकुल नामंजूर था की उनके चमकते बंगले-कोठियों के बगल में इस तरह का अभद्र बसेरा हो। लिहाज़ा नगरपालिका लगातार बस्तियों को तोड़ रही थी और बस्तियों में रहने वाले लोग अपने जीवन जीने की मूल जरूरतों जैसे पानी, बिजली,स्वच्छता से रहने के लिये भी तरस रहे थे।
डॉक्यूमेंट्री में, आनंद पटवर्धन का कैमरा एक witness की तरह दर्शक के सामने दो पहलुओं में अपनी गवाही देता है, एक तरफ जहाँ कई मजदूर व उनके परिवार की समस्या-व्यथायें दिखाई पड़ती हैं वहीं दूसरी तरफ मुम्बई सरकार व वहां के बड़े capitalist इन मजदूरों की जिंदगी को लेकर क्या सोचते- बोलते हैं, ये नजर आता है।
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ये झूठा राज है भाई...! |
पटवर्धन, इस आपबीती को मजदूरों की मुह-जबानी सुनवाते हैं, जहाँ उनकी गरीबी परत दर परत इन विकट स्थितयों का ब्यौरा समझाने का प्रयास करती हैं। एक विकलांग आदमी अपनी काबिलियत को गिनवाते हुए भी काम न मिल पाने की बात करता है। एक बूढ़ा मजदूर आदमी जिसने अपनी उम्र का एक बड़ा हिस्सा शहर की इमारतों के बनने में दे दिया और आज इस शहर में अपना सर छुपाने को संघर्ष कर रहा है। बरसात में समय पर इलाज़ न मिल पाने के कारण एक नवजात बच्चे का दम तोड़ देना, कितनी ही कहानियाँ 1 घंटे से भी कम समय में समेट ली जाती हैं और सब कहानी अलग होने के बावजूद उनका हर हिस्सा एक अलग दर्दनाक पहलु दिखाता है, जो किसी बड़ी research में बस आंकड़ों का हिस्सा बन के रह जाती हैं। पटवर्धन ने यहाँ अधिकतम महिलाओं की एक जिम्मेदार और मजबूत छवि को भी दिखाया है, जो अपने आप को इस शहर पर बोझ मानने से साफ इनकार करती हैं साथ ही अपनी लड़ाई के लिये खड़ी रहती हैं, 'जितना बार तोड़ेगा...उतना बार बनाएगा',। इस वास्तविकता को और स्पष्ट करने के लिए पटवर्धन, नुक्कड़-नाटक और उसमें गाने वाले गीत का सहारा भी लेते हैं जो "ये कैसा राज है भाई...ये झूठा राज है भाई", और यकीन मानिये ये गीत का सार दुनिया में मजदूरों के शोषण पर हुई कई Research से गहरा है, अधिकतम Research बस आँकड़े बयान करती हैं, लेकिन ये आंकड़े जब किसी के व्यक्तिगत जीवन के सवाल तक पहुँचते है तो किसी Research या किताब में कोई जवाब नहीं होता।
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बम्बई ...दुनिया का एक खूबसूरत हिस्सा..! |
दूसरे पक्ष में आनंद पटवर्धन जब नगरपालिका मेयर, बड़े उद्योगपतियों से उनके घर की शान-ओ-शौकत दिखाते हुए इस मसले पर उनकी राय पूछते हैं तो ये एक व्यंग्य की तरह झलकता है, जवाब में उत्तरदायी लोगों में कोई संवेदना नहीं होती, मेयर साहब बड़े ही सरल स्वभाव में बोल देते हैं की ऐसे में 40 लाख बस्तीवासियों को बारिश के समय में सड़कों पर आना होगा, या किसी ऐसी जगह पर लौट जाना होगा जहाँ उनको कानूनी अधिकार मिल सके। एक महिला 'नागरिक' देश की इज्जत का हवाला देते हुई कहती हैं कि इनमें से अधिकतर लोग चोर-चक्के होते हैं और विदेशी लोग हमेशा उनसे पूछते हैं कि वो इस शहर में इन लोगों के बीच साँस भी कैसे ले पाती हैं, झोपड़पट्टियों के कारण खुले मैदानों और अलीशान बम्बई बदसूरत दिखने लगी है, Bombay को बस्तियों से मुक्त करने के लिए बड़े Ad-campaign चलाये जाते है, ठेला-मजदूरों के ठेले उठवा कर पुरस्कार जीते जाते हैं और...इस तरह की तमाम दलीलें इतने खुले तौर पर सम्मान के साथ कैमरा के आगे बोल दी जाती है, जो की इंसानी भावनाओं पर मजाक नजर आती हैं। इसके साथ ही ये भी बतलाती हैं कि हम हाल ही में ऐसे सुनहरे इतिहास से हो कर गुजरे हैं, जो पूर्ण रूप से स्वार्थ से भरा था।
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ये सरकार हमारी है...! |
यहाँ 'भूखमरी' का समाधान Dining Table पर Dinner करते हुए किया जाता है, बाढ़ में जमीन पर फंसे लोगों का दौरा हवा में 'Helicopter' से किया जाता है और Border के दयनीय गर्म-सर्द मौसम में चलती गोलियों-धमाकों की आवाज को Air Conditioned कमरे में चाय पीते हुए एक बड़ी TV स्क्रीन पर सुना जाता है। लेकिन, यहाँ मेरा इशारा इन प्रतिक्रियाओं की तरफ बिलकुल भी नहीं है बल्कि ये इशारा संवेदना और sensitization की तरफ है जो कितनी मजबूत जड़ों के साथ इन ठेकेदारों के अंदर बसा है।
ये सरकार हमारी है...!
अगर हमको लगता है कि सरकार को हमने चुना हैं, तो गलत हैं हम, असल में सरकार ने हमको चुना है, ताकि हमारे बीच दिक्कतों को जिन्दा रखा जा सके, उन दिक्कतों का हवाला देकर चुनाव जीता जा सके, तख़्त पर बैठा जा सके, किताबें लिखी जा सके, यात्रा की जा सके...!
- शुभम शुक्ला
17-05-2021
Reference & Image source:
https://www.youtube.com/watch?v=JEIX36rbIJM
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